इस लेख में आधुनिक खेती के
उपकरण और तकनीकों का जिक्र किया गया है| किसानों
के लिए बाज़ार में खेत जोतने वाले ऐसे आधुनिक ट्रैक्टर मौजूद हैं जो बड़ी से बड़ी
ज़मीन के हिस्से को तेज़ी से जोत सकते हैं| यहाँ तक कि इनमें
ईंधन की खपत भी कम होती है| इन नए उपकरणों द्वारा फसल तैयार
करने की प्रक्रिया में तेजी आई जिनसे किसानों का बोझ काफी कम हुआ है|
1.
धनिया स्प्लिटर- इस लेख में धनिया
स्प्लिटर पर एक आलेख प्रस्तुत किया गया है|
2.
ड्रिप सिंचाई
प्रणाली- इस लेख में ड्रिप सिंचाई प्रणाली पर विस्तृत जानकारी उपलब्ध करायी गयी है|
3.
छिड़काव सिंचाई
प्रणाली- किसानों के मदद के लिए इस लेख में छिडकाव सिंचाई प्रणाली पर प्रकाश डाला गया
है|
धनिया
स्प्लिटर
धनिया स्प्लिटर
धनिया
के बीज को बेहतर अंकुरण के लिए बोने से पहले दो भागों में तोड़ना पड़ता है तथा इसे
माउथ फ्रेशनर के रूप में भी प्रोसेस किया जाता है। पारम्परिक रूप से बीजों को हाथ
से तोड़ा जाता है तथा यह एक नीरस व काफी समय खर्च होने वाला काम है और इसके अलावा
इसमें फ़सल की कटाई के बाद बीज की क्षति के कारण नुकसान होता है। इसलिए
यांत्रिक कार्य जरूरी हो जाता है। CIPHET में धनिया के
बीजों को तोड़ने के लिए एक मशीन डिजाइन की गयी है। यह मशीन 1 एचपी
के मोटर से चलती है, जिसकी क्षमता 60-80 किग्रा/घंटा है। इस मशीन में 6.5 सेमी व्यास तथा 10
सेमी लंबे 2 रोलर होते हैं। दो रोलरों को
डिफरेंशियल स्पीड दी जाती है ताकि धनिया दो भागों में टूटकर अलग हो जाए। स्प्लिटर
में गियर टाइप की मीटरिंग होती है। यह मशीन धनिए को 14.2% नमी
की स्थिति में तोड़ने में सक्षम हैं।
ड्रिप
सिंचाई प्रणाली
- ड्रिप
सिंचाई प्रणाली-एक परिचय
- कार्यप्रणाली
- ड्रिप
सिंचाई प्रणाली के लाभ
ड्रिप सिंचाई
प्रणाली फसल को मुख्य पंक्ति, उप पंक्ति तथा पार्श्व पंक्ति के
तंत्र के उनकी लंबाईयों के अंतराल के साथ उत्सर्जन बिन्दु का उपयोग करके पानी
वितरित करती है। प्रत्येक ड्रिपर/उत्स्र्जक, मुहाना संयत,
पानी व पोषक तत्वों तथा अन्यक वृद्धि के लिये आवश्यकक पद्धार्थों को
विधिपूर्वक नियंत्रित कर एक समान निर्धारित मात्रा, सीधे
पौधे की जड़ों में आपूर्ति करता है।
पानी और पोषक
तत्व उत्ससर्जक से, पौधों की जड़ क्षेत्र में से चलते हुए
गुरुत्वाकर्षण और केशिका के संयुक्त बलों के माध्यम से मिट्टी में जाते हैं। इस
प्रकार, पौधों की नमी और पोषक तत्वों की कमी को तुरंत ही
पुन: प्राप्त। किया जा सकता है, यह सुनिश्चित करते हुए कि
पौधे में पानी की कमी नहीं होगी, इस प्रकार गुणवत्ता,
उसके इष्टतम विकास की क्षमता तथा उच्च पैदावार को बढ़ाता है।
ड्रिप सिंचाई
आज की जरूरत है, क्योंकि प्रकृति की ओर से मानव जाति को उपहार के
रूप में मिली जल असीमित एवं मुफ्त रूप से उपलब्ध नहीं है। विश्व जल संसाधनो में
तेजी से ह्रास हो रहा है।
ड्रिप सिंचाई
प्रणाली के लाभ
·
पैदावार में 150 प्रतिशत तक वृद्धि
·
बाढ़ सिंचाई की तुलना में 70 प्रतिशत तक पानी की बचत। अधिक भूमि को इस तरह बचाये गये पानी के साथ
सिंचित किया जा सकता है।
·
फसल लगातार,स्वस्थ रूप से बढ़ती है और जल्दी परिपक्व होती है।
·
शीघ्र परिपक्वता से उच्च और तेजी से
निवेश की वापसी प्राप्त् होती है।
·
उर्वरक उपयोग की क्षमता 30 प्रतिशत बढ़ जाती है।
·
उर्वरक, अंतर संवर्धन और श्रम का मूल्य कम हो जाता है।
·
उर्वरक लघु सिंचाई प्रणाली के माध्यम
से और रसायन उपचार दिया जा सकता है।
·
बंजर क्षेत्र,नमकीन, रेतीली एवं पहाड़ी भूमि भी उपजाऊ खेती
के अधीन लाया जा सकता है।
छिड़काव
सिंचाई प्रणाली
छिड़काव सिंचाई प्रणाली
छिड़काव
सिंचाई, पानी सिंचाई की एक विधि है, जो
वर्षा के समान है। पानी पाइप तंत्र के माध्यम से आमतौर पर पम्पिंग द्वारा वितरित
किया जाता है। वह फिर स्प्रे हेड के माध्यम से हवा और पूरी मिट्टी की सतह पर
छिड़का जाता है जिससे पानी भूमि पर गिरने वाला पानी छोटी बूँदों में बंट जाता है।
फव्वाबरे
छोटे से बड़े क्षेत्रों को कुशलता से कवरेज प्रदान करते हैं तथा सभी प्रकार की
संपत्तियों पर उपयोग के लिए उपयुक्त हैं। यह लगभग सभी सिंचाई वाली मिट्टियों के
लिये अनुकूल है क्योंपकि फव्वाकरें विस्तृत विसर्जन क्षमता में उपलब्ध हैं ।
लगभग सभी
फसलों के लिए उपयुक्त है जैसे गेहूं, चना, दाल के साथ सब्जियों, कपास, सोयाबीन,
चाय, कॉफी, और अन्य चारा
फसलें ।
No comments:
Post a Comment